PMRPY योजना क्या है? यदि आप भी हैं इसके अंतर्गत कवर्ड
दोस्तों, जैसा कि आपको पता है कि आपकी पीएफ अंशदान में पेंशन की भी अंशदान समाहित होती है और आप साढ़े नौ वर्ष से पहले नौकरी छोड़कर अपने पीएफ तथा पेंशन का पैसा निकाल सकते हैं| किंतु आज हम एक विशेष मुद्दे पर बात करेंगे क्योंकि यदि आप इस योजना के अंतर्गत आते हैं अथवा आपकी पेंशन का अंशदान इस योजना के अंतर्गत जमा हुआ है, तो आप 58 वर्ष की उम्र तक पेंशन का पैसा नहीं निकाल सकते हैं| उसके लिए आपको 58 वर्ष की उम्र होने तक का इंतजार करना पड़ेगा|
हांलाकि यह योजना देश में रोजगार में वृद्धि एवं बेरोजगारी में कमी लाने के लिए लाई गई थी| किंतु उस वक्त ना ही नियोक्ताओं को और ना ही कर्मचारियों को पता था कि भविष्य में इसका यह खामियाजा भुगतना पड़ सकता है|
इस योजना के अंतर्गत कहा गया था कि कर्मचारियों की जो 8.33% पेंशन में योगदान होता है, जिसे employer द्वारा जमा किया जाता है| यदि नियोक्ता इस योजना के अंतर्गत नए कर्मचारियों को भर्ती करवाएं तो यह 8.33% की धनराशि उनको जमा नहीं करना पड़ेगा और यह सरकार द्वारा जमा किया जाएगा| ऐसे में नियोक्ताओं को लाखों रुपए का फायदा मिलने वाला था| और एक रिपोर्ट के मुताबिक इसके अंतर्गत 1 करोड़ से भी अधिक कर्मचारियों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है, जिनका पेंशन अंशदान सरकार द्वारा किया गया है, किंतु वे 58 वर्ष की उम्र होने तक अपने पेंशन का पैसा नहीं निकाल पाएंगे| पेंशन का पैसा निकालने के लिए आवेदन करने पर वहां पर क्लेम रिजेक्ट हो जाएगा और कारण में बता दिया जाएगा कि आप पहले से ही PMRPY योजना के अंतर्गत रजिस्टर्ड हैं|
PMRPY KA FULL FORM=
PRADHANMANTRI ROJGAR PROTSAHAN YOJNA
प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना
PMRPY YOJNA KYA HAI?
प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना या PMRPY योजना का उद्देश्य नियोक्ताओं को रोजगार उत्पन्न करने के लिए प्रोत्साहित करना है, जहां सरकार नियोक्ताओं की नए कर्मचारियों को उनकी नौकरी के पहले तीन वर्षों के लिए कर्मचारी पेंशन योजना का 8.33 प्रतिशत हिस्सा का भुगतान करती है|
यह उन लोगों के लिए भी लागू करने का प्रस्ताव है जो बेरोजगार हैं, लेकिन साथ ही अर्ध-कुशल और अकुशल भी हैं। श्रम मंत्रालय ने यह योजना लागू की है और अगस्त 2016 से परिचालन में ह।
2016-17 के बजट में PMRPY योजना की घोषणा की गई थी, जिसमें 1000 करोड़ रूपये के साथ रोज़गार सृजन को बढ़ावा देने का प्राथमिक उद्देश्य था।
यह योजना उन श्रमिकों को लक्षित करती है जो मासिक आधार पर ₹15000 से कम की मजदूरी अर्जित करते हैं। यह लघु और मध्यम उद्यमों और सूक्ष्म व्यवसायों के नियोक्ताओं को इस परियोजना का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
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